पाकिस्तान के तालिबान प्रेम ने रदद् की SAARC की बैठक
जब से अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ है। और तालिबान सत्ता पर काबिज हुआ है। तब से, यह विषय अंतरराष्ट्रीय राजनीति का एक अहम विषय बना हुआ है।
तालिबान के मुद्दे पर समूची दुनिया दो भागों में बटी नजर आ रही है। एक ओर वह राष्ट्र है, जो तालिबान की सत्ता को किसी भी रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं है। तो दूसरी ओर कुछ देश ऐसे हैं।
जो तालिबान को खुला समर्थन दे रहे हैं।पाकिस्तान भी इन्हीं देशों में से एक है। पाकिस्तान के तालिबान प्रेम की वजह से एक बड़ी बैठक रद्द हो गई। गौरतलब है, कि SAARC देशों के विदेशी मंत्रियों की बैठक होने वाली थी, जो अब रद्द हो गई है।
पाकिस्तान ने की तालिबान को शामिल करने की जिद
SAARC देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में होने वाली थी। जो अब रद्द कर दी गई है। मीडिया सूत्रों, के मुताबिक पाकिस्तान, इस बैठक में तालिबान के प्रतिनिधियों को शामिल करने की जिद पर अड़ा हुआ था।
इस बात पर अन्य देशों के प्रतिनिधि सहमत नहीं थे।और इसी असहमति के चलते आगामी बैठक को ही रद्द कर दिया गया है।
क्यों नहीं मिल रही है तालिबान को मान्यता
जैसा कि आपको बता दें, कि दुनिया के अधिकांश देश तालिबान की सरकार को मान्यता देने से इंकार कर रहे हैं इनमें कई कारण हैं। पहली बात तो यह, कि तालिबान ने सत्ता को हिंसा के दम पर हासिल किया है।
दूसरी बात तालिबान एक कट्टर धार्मिकता युक्त आतंकी संगठन है। जो खासतौर पर महिलाओं का विरोधी तथा शांति का शत्रु है। यही वजह है, कि विश्व के तमाम देश इसे मान्यता देने से मना कर रहें हैं।