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फिर सुर्खियों में नाहन मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन की लापरवाही, मरीजों की जान पर भारी, पढ़े पूरा मामला

फिर सुर्खियों में नाहन मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन की लापरवाही, मरीजों की जान पर भारी, पढ़े पूरा मामला
फिर सुर्खियों में नाहन मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन की लापरवाही, मरीजों की जान पर भारी, पढ़े पूरा मामला

फिर सुर्खियों में नाहन मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन की लापरवाही, मरीजों की जान पर भारी, पढ़े पूरा मामला

आर्थो के छोटे आपरेशनों के लिए मरीजों को करना पड़ा रहा लंबा इंतजार

एनएसथीसिया डिमार्टमेंट पर मनमानी का आरोप, प्रबंधन ने दिया जल्द समाधान का आश्वासन

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला मुख्यालय में स्थित डा. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं नाहन एक बार फिर सुर्खियों में है। कभी लापरवाही, तो कभी बदस्लुकी, तो कभी किसी ओर मुद्दे पर। यह मेडिकल कॉलेज अक्सर सुर्खियों में ही बना रहता है। अब एक ओर मामला यहां ऐसा सामने आ रहा है, जिससे केवल और केवल मरीज की परेशान हो रहे हैं। अब इसे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही कहे या फिर डाक्टरों का आपसी मनमुटाव, लेकिन इन दिनों अस्पताल में आर्थो आप्रेशन से जुड़े मरीज ही दिक्कत झेल रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज नाहन में आर्थाे के ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हालात यह है कि मेडिकल कॉलेज में एक छोटे से ऑपरेशन के लिए भी मरीज को 1 सप्ताह से भी अधिक लंबा इंतजार करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज नाहन में पहले सप्ताह में 3 दिन ऑर्थाे के ऑपरेशन किए जाते थे। मगर कोरोना के चलते ऑपरेशन के लिए मात्र 1 दिन रखा गया था। लोगों द्वारा मांग की जा रही है कि ऑपरेशन पहले की तरह 3 दिन होने चाहिए, क्योंकि मात्र एक दिन ही आपरेशन होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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वहीं इस बारे में ऑर्थाे विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ नवीन गुप्ता ने बताया कि ऑर्थाे डिपार्टमेंट के चिकित्सक अपनी सेवाएं देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। मगर यहां एनएसथीसिया डिपार्टमेंट द्वारा उनको सहयोग नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते यह समस्या खड़ी हो रही है।

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उन्होंने एनएसथीसिया डिपार्टमेंट के एचओडी पर भी मनमानी के आरोप लगाएं। वहीं उन्होंने यह भी माना कि ऑर्थाे ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। साथ ही इस बात को भी स्वीकार किया कि समय पर ऑपरेशन न होने के चलते मरीज की समस्या और भी गंभीर हो जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि 1 सप्ताह के भीतर मेडिकल कॉलेज में करीब 12 से 15 मरीज ऑपरेशन के लिए इकट्ठा हो जाते है। मगर एक ही दिन में इतने लोगों के ऑपरेशन कर पाना भी संभव नहीं हो पाता है।

दूसरी तरफ इस मामले में मेडिकल कॉलेज के मेडिकल अधीक्षक डॉ श्याम कौशिक ने बताया कि ऑर्थाे डिपार्टमेंट और एनएसथीसिया डिपार्टमेंट के चिकित्सकों के साथ उन्होंने बैठक की है और जल्द समस्या का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि एनएसथीसिया डिपार्टमेंट से करीब 3 चिकित्सकों के यहां से तबादले हुए हैं। उसके कारण भी यह समस्या पैदा हुई है। वहीं एनएसथीसिया डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ गिरीश शर्मा ने बताया कि हर डिपार्टमेंट के लिए ऑपरेशन थिएटर में एक-एक दिन का समय दिया जा रहा है।

कुल मिलाकर अब चाहे इसके पीछे कारण कुछ भी हो, लेकिन कहीं न कहीं इसका सीधा खामियाजा यहां पहुंचने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस ने भी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

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