बारूदी सुरंगे बनाने को तैयार है भारत, सुरक्षा में नही होगी चूक…
पाकिस्तान और चीन के लिये काल होंगी बारूदी सुरंगे…
पुणे के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप में हुए कार्यक्रम में सेना अध्यक्ष ने कहा कि स्वदेशी उपकरणों और वाहनों से अभियानों में तेजी आएगी और पश्चिमी मोर्चे को इससे विशेष मदद मिलेगी।
भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को पुणे में इंजीनियर्स कोर में स्वदेश में विकसित किए गए अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहनों के पहले बैच को शामिल किया, इसके साथ ही बारूदी सुरंगों के बारे में भी बताया।
आत्म निर्भर भारत की ओर है कदम…
ये उनकी दूरदर्शिता है कि इन वाहनों को शामिल करने के साथ ही हमने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
जनरल नरवणे ने कहा कि पश्चिमी सीमा पर तैनात स्ट्राइक कोर और बख्तरबंद संरचनाओं के लिए एईआरवी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस प्लेटफॉर्म से टोही प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और भारत की सीमाएं अधिक सुरक्षित हो सकेंगी।
पाकिस्तान और चीन के लिये काल होंगी बारूदी सुरंगे…
साथ ही थल सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने मंगलवार को बताया कि इनकी तरह ही भारत में बनीं विभव और विशाल एंटी-टैंक बारूदी सुरंगों का परीक्षण भी एडवांस स्टेज पर किया जा रहा है जो सीमा पर लगाई जा सकती हैं।
भारत में निर्मित सात लाख निपुन बारूदी सुरंगों के जरिए चीन और पाकिस्तान सीमा पर रक्षा की पहली पंक्ति बनाई जाएगी। यह मानव-रोधी सुरंगें आरडीएक्स के मिश्रण से तैयार की जा रही हैं।