मेले की समय सीमा समाप्त होने के बाद अवैध रूप से चल रहे झूले, लाखों के गोलमाल की आशंका
अधिकारी एक दूसरे के पाले में डाल रहे गेंद, जिम्मेदार कौन ….?
पांवटा साहिब पुलिस थाना के ठीक सामने ही झूले पिछले 20 घण्टे से अवैध तौर पर चल रहे हैं। इस दौरान यदि कोई अनहोनी घटना पेश आती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा..?
पत्रकारों द्वारा जब इस बाबत एसडीएम विवेक महाजन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने बीते कल ही आधिकारिक तौर पर झूले व दुकानें बंद करने के आदेश तहसीलदार को जारी किए हैं।
वहीं, जब इस बात को लेकर तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री से बात की गई तो बताया कि उन्होंने बिजली विभाग को कनेक्शन काटने व पुलिस विभाग डीएसपी वीर बहादुर को निर्देश दिए हैं कि झूला बंद करवाया जाए।
जब यही बात डीएसपी वीर बहादुर से पूछी गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने एसएचओ पांवटा थाना अशोक चौहान को आदेश किए हैं लेकिन जब पत्रकारों ने एसएचओ के नम्बर पर संपर्क करना चाहा तो उनका नंबर बंद पाया गया।
हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारी इस बाबत एक दूसरे को निर्देश-आदेश करने की बात कहते नजर आए। जबकि उक्त सभी अधिकारियों के संज्ञान में है कि मेले में अवैध तौर पर झूले चले हुए हैं।
इस बारे में नगर परिषद पांवटा के वार्ड 6 से पार्षद रविंद्र सिंह ने बताया कि मेले में झूले बिल्कुल अवैध तौर से चल रहे हैं, जो कि सरासर गलत है। झूलों को लेकर कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है, जिस कारण कोई भी अनहोनी घटना पेश हो सकती हैं।
इस दौरान होने वाली किसी भी घटना का जिम्मेदार प्रशासन होगा। क्योंकि नगर परिषद द्वारा मेले को जारी रखने को कोई लिखित आग्रह प्रशासन को न हैं।
गौरतलब हो कि नगर परिषद ने छोटे दुकानदारों को दो दिनों की और राहत प्रदान करते हुए बिना किराए के सामान बेचने की अनुमति दी है। इस दौरान प्लॉट व झूला ठेकेदार किसी भी तरह का कर व किराया वसूल नहीं करेगा।
सनद रहे कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का 4 अप्रैल को पांवटा प्रवास प्रस्तावित है। ऐसे मे किसी भी प्रकार की चूक व सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी समझौता नही किया जा सकता है।
मेले में लगे झूलो में यदि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो उसके लिये प्रशासन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती हैं।
याद रहे कि मेले में ठेकेदार द्वारा कई प्रकार की अनियमितताये बरती गई हैं। जिसमें तय दरों से कही अधिक बिजली व झूला के दाम वसूले गए हैं।
नगर परिषद उपाध्यक्ष ओपी कटारिया ने बताया कि मेला समाप्त कर दिया गया हैं। दो दिनों की छोटे दुकानदारों को समान समेटने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। जिस दौरान प्लाट व झूला ठेकेदार कोई किराया नहीं वसूल सकेगा।