शिमला जल प्रबंधन निगम पर भ्रष्टाचार के आरोपों का फोड़ा बम, डिप्टी मेयर टिकेंद्र पवार ने की जांच की मांग, SIT टीम करेगी जांच
हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पवार ने शिमला जल प्रबंधन निगम में भ्रष्टाचार के लगाए आरोप एसआईटी से जांच की मांग उठाई है।
जानकारी के मुताबिक राजधानी शिमला में पानी की व्यवस्था देख रही जल प्रबंधन निगम पर नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पवार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं और इसके जांच के के लिए एसआईटी गठित करने की मांग प्रदेश सरकार से की है।
टिकेंद्र पवार ने कहा कि जल प्रबंधन निगम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है पूर्व की सरकार में मनमाने तरीके से इसमें काम किया गया है जो टेंडर ढाई सौ करोड़ का था वह 500 करोड़ में दिए गए है।
उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन निगम में हुए भर्ष्टाचार की जांच के लिए सरकार को एसआईटी का गठन करना चाहिए और जो भी अफसर राजनेता इसमें संलिप्त है
उसका पर्दाफाश होना चाहिए ।
टिकेंद्र पवार ने जल प्रबंधन निगम को बर्खास्त कर दोबारा से पानी की व्यवस्था की जिम्मेवारी शिमला नगर निगम को दी जानी चाहिए। वर्ल्ड बैंक से शिमला शहर पानी के लिए पैसा आया है किसी की जेब भरने के लिए यह पैसा नहीं दिया गया है ।
इस प्रोजेक्ट में 30 फीसदी प्रदेश सरकार जबकि 70 फीसदी पैसा वर्ल्ड बैंक इसमें पैसा लगा रहा है। सतलुज से पानी लाने का कई वर्षों से काम चल रहा है, लेकिन अभी तक दस फीसदी भी काम नही हुआ।
उन्होंने कहा कि शहर में पानी वितरण का काम नगर निगम करता रहा है लेकिन पूर्व सरकार ने कंपनी के हाथ मे पानी का जिम्मा सौंप दिया है। शहर में पानी की जिमेवारी मुख्य सचिव नही बल्कि जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को दी जानी चाहिए शहर की जनता चुने हुए प्रतिनिधियों से सवाल करती है।
उन्होंने कहा कि जल निगम में हुए भ्र्ष्टाचार की सरकार जांच नही करती है तो सड़को पर उतर कर प्रदर्शन करने के साथ ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नही हटेंगे।