हाटी समुदाय ने कसी कमर, नही मिला जनजातीय दर्जा तो होगा चुनाव का बहिष्कार
-25 दिसंबर को होगी हाटी समुदाय की खुमली, आंदोलन को लेकर तैयार की जाएगी रणनीति
करीब 50 सालों से चली आ रही सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर अब हाटी समुदाय आर पार की लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार है।
हाटी समुदाय अपनी बरसों से चली आ रही लंबित मांग को पूरा करवाने के लिए 2022 में विधानसभा चुनाव तक का बहिष्कार करने का मन बना रहा है।
इसको लेकर 15 दिसंबर को गिरीपार क्षेत्र की 144 पंचायतों में खुमली (बैठक) भी आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस संबंध में हाटी समिति ने आज डीसी सिरमौर के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें जल्द से जल्द गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने की मांग की गई है।
मीडिया से बात करते हुए हाटी समिति नाहन यूनिट के सलाहकार सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 25 दिसंबर को गिरी पांच क्षेत्र की 144 पंचायतों में खुमली आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें अपनी मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 1968 से हाटी समुदाय का जनजातीय दर्जा देने का मुद्दा चला आ रहा है, लेकिन अब तक सरकार ने यह मांग पूरी नहीं की है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी तरह के झूठे आश्वासन नहीं चलेंगे।
हाटी समुदाय अब अपनी मांग को लेकर उग्र आंदोलन करेगा। सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि खुमली में यह तय किया जाएगा कि या तो हाटी समुदाय की मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाए या फिर 2022 में 144 पंचायतों के लोग विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। साथ ही सड़कों पर उतर कर राजनेताओं को सबक सिखाएंगे, क्योंकि हमेशा यहां के लोगों को वोट के लिए इस्तेमाल किया गया है।
बता दें कि अब सिरमौर जिला का हाटी समुदाय दशकों से चली आ रही जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर उग्र होने लगा है और आंदोलन को पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है।