हिमकेयर योजना का ऑडिट शुरू, गड़बड़ियों पर नजर
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच तेज, निजी अस्पतालों से मांगा रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना में कथित गड़बड़ियों का खुलासा होने वाला है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आदेश पर राज्य लेखा परीक्षा विभाग ने ऑडिट शुरू कर दिया है। यह कदम लोगों को सच्चाई सामने लाने का वादा करता है।
राज्य सरकार ने योजना के तहत हुए खर्च की हर बारीकी जांचने का फैसला किया है। मरीजों की संख्या, बीमारियों और इलाज पर खर्च का पूरा रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। ऑडिट में सरकारी और निजी अस्पताल शामिल हैं।
आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज और पीजीआई चंडीगढ़ से डेटा मांगा गया है। निजी अस्पतालों को भी पत्र भेजकर इलाज का हिसाब देने को कहा गया है। जांच में उपकरणों की उपलब्धता भी चेक होगी।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि हिमकेयर में गड़बड़झाला हुआ है। पूर्व सरकार ने इसमें 800 करोड़ रुपये खर्च किए थे। अब ऑडिट रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी।
वित्त विभाग ने ऑडिट के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। पूर्व और वर्तमान सरकार के कार्यकाल का पूरा लेखा-जोखा तैयार होगा। मरीजों के इलाज की सत्यता परखी जाएगी।
350 करोड़ की लूट का आरोप, जीडीपी को नुकसान
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि निजी अस्पतालों ने 350 करोड़ रुपये हड़प लिए। मौजूदा सरकार ने 190 करोड़ का भुगतान किया। पूर्व सरकार में 9.50 लाख लोग बाहर इलाज के लिए गए।
इससे प्रदेश की जीडीपी को 1,000 करोड़ का नुकसान हुआ। सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने 2 साल में 306 करोड़ खर्च किए। एक डॉक्टर ने योजना का फायदा उठाकर अस्पताल को 5 मंजिला बना डाला।
ऑडिट से हिमकेयर की सच्चाई सामने आएगी। सरकार का मकसद योजना को पारदर्शी बनाना है। लोगों को बेहतर सुविधाएं देना प्राथमिकता है। जांच के नतीजे जल्द जनता के सामने होंगे।