हिमाचल प्रदेश में माल भाड़े को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: ट्रक यूनियनों द्वारा माल भाड़ा तय करने को लेकर हाई कोर्ट ने कही ये बड़ी बात! पढ़ें हाई कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा
हिमाचल प्रदेश में माल भाड़े को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि ट्रक यूनियनों को माल परिवहन दरें तय करने और उद्योगों के परिवहन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में माल भाड़े को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: ट्रक यूनियनों द्वारा माल भाड़ा तय करने को लेकर हाई कोर्ट ने कही ये बड़ी बात! पढ़ें हाई कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा
उद्योग से सम्बंधित माल परिवहन विवाद मामले में हरोली उद्योग संघ को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा द्वारा संचालित बेंच ने याचना का निस्तारण करते हुए, डीसी और एसपी ऊना को उद्योगों से माल परिवहन को निर्बाध रखने के आदेश दिए हैं।
बेंच ने पहले किए गए एक फैसले का उल्लेख करते हुए इसे लागू करने का कहा है। न्यायालय ने 19 जुलाई को आदेश जारी करके दो याचनाओं का निपटारा किया है।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रक संघों को माल परिवहन दरों का निर्णय लेने और उद्योगों के परिवहन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। परिवहन में हस्तक्षेप को अनुपालन नहीं करने का मामला माना जाएगा।
डीसी और एसपी को ऐसी क्रियाएं नोटिस करने का निर्देश दिया गया है और तत्काल बेंच के समक्ष लाने का आदेश दिया है।
निजी पक्षों (ट्रक संघों) को वाहनों के परिचालन या माल परिवहन शुल्क का निर्धारण करने में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
आदेश में मैसर्ज मेट ट्रेड इंडिया लिमिटेड के खिलाफ राज्य सरकार के मामले का उल्लेख किया गया है और इस मामले में लिए गए फैसले को लागू करने का कहा गया है।
डीसी और एसपी ऊना से इस मामले में दो सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी गई है। हरोली क्षेत्र के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में माल परिवहन सम्बंधी विवाद चल रहा था। ट्रक संघ उद्योग पर अपने ट्रकों से माल परिवहन का दबाव बना रहे थे।
उद्योगों ने कम किराए पर बाहरी ऑपरेटरों से माल परिवहन करने की कोशिश की थी, लेकिन स्थानीय संघ ने इसमें बाधा डाली।
इसी के चलते, हाई कोर्ट ने निर्णय दिया कि ट्रक यूनियनों को माल परिवहन दरें निर्धारित करने या इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
उद्योगों को यह आश्वासन दिया गया है कि उनकी माल परिवहन सेवाएँ बाधा के बिना चल सकेंगी। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की पीठ ने इसे सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं।”