हिमाचल बिजली बोर्ड का बड़ा संकट: वेतन अटका कर्मचारी परेशान! जानिए क्यों नहीं मिला कर्मचारियों को वेतन? क्या है पूरा मामला देखें रिपोर्ट
हिमाचल बिजली बोर्ड का बड़ा संकट: हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड में इस वर्ष पहली जनवरी को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनका वेतन और पेंशन समय पर नहीं मिल पाया।
हिमाचल बिजली बोर्ड का बड़ा संकट: वेतन अटका कर्मचारी परेशान! जानिए क्यों नहीं मिला कर्मचारियों को वेतन? क्या है पूरा मामला देखें रिपोर्ट
इसके चलते, कर्मचारी और पेंशनधारकों में निराशा और गुस्सा देखा गया। बिजली बोर्ड के 28,000 पेंशनर और 15,000 कर्मचारी दिनभर अपने बैंक खातों की जांच में लगे रहे, लेकिन शाम पांच बजे तक भी उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचा।
इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी संघ ने बोर्ड प्रबंधन पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। उन्होंने मंगलवार को एक बैठक बुलाकर आगामी कदमों पर विचार करने का फैसला किया। यह बैठक संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आयोजित की गई थी।
खबरों के मुताबिक, बिजली बोर्ड को अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन के रूप में हर महीने लगभग 200 करोड़ रुपये की जरूरत होती है।
हालांकि, इस बार सरकार द्वारा निशुल्क बिजली की एवज में अक्टूबर से दिसंबर 2023 तक का भुगतान न किए जाने और अन्य साधनों से धन जुटाने में विफलता के कारण, वेतन और पेंशन जारी करने में देरी हुई।
आमतौर पर बिजली बोर्ड प्रत्येक महीने के अंतिम दिन या नए महीने के पहले दिन वेतन और पेंशन जारी करता है, लेकिन इस बार वह समय पर नहीं कर पाया।
सूत्रों के अनुसार, इस देरी का कारण यह था कि सरकार ने बिजली बोर्ड को घरेलू उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली देने के एवज में अक्तूबर से दिसंबर 2023 तक का भुगतान नहीं किया। इसके अलावा, बोर्ड प्रबंधन द्वारा अन्य स्रोतों से धन जुटाने में भी असफलता देखी गई।
इस घटनाक्रम के परिणामस्वरूप, कर्मचारी और पेंशनधारक असंतुष्ट हो गए हैं और बोर्ड के प्रबंधन के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं।
कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने इसे लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और आगामी रणनीति पर विचार करने के लिए संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक बुलाई है।
इस स्थिति को संभालने के लिए, बोर्ड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा ने बताया कि इस मामले को सरकार के ध्यान में लाया जाएगा।
इस बीच, बोर्ड को सर्दियों के मौसम में बिजली की उच्च मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ रही है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति पर और भी दबाव बढ़ गया है।