हिमाचल में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में अब एडमिशन लेना हुआ आसान: प्रदेश शिक्षा विभाग ने बदले नियम! जानें क्या होंगे नए नियम
हिमाचल में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में अब एडमिशन लेना हुआ आसान: अब अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश करना शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत और सरल हो गया है।
हिमाचल में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में अब एडमिशन लेना हुआ आसान: प्रदेश शिक्षा विभाग ने बदले नियम! जानें क्या होंगे नए नियम
उच्च न्यायालय के निर्णय पर आधारित, शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने इस योजना की गाइडलाइन में संशोधन करने की अधिसूचना जारी की है।
अब गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए नजदीकी सरकारी स्कूल से एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, स्कूलों में सीटों की आरक्षण की आवश्यकता भी नहीं होगी।
इसके साथ ही योजना का लाभ उठाने के लिए 3 किलोमीटर की सीमा को भी हटा दिया गया है। नई गाइडलाइन में पड़ोसी स्कूल से प्रमाण पत्र बनवाने की शर्त को भी निरस्त कर दिया गया है।
प्राइवेट स्कूल की शुल्क भरने के लिए क्लेम बिल को नजदीकी सरकारी प्राथमिक विद्यालय से सत्यापित कराने की आवश्यकता अब नहीं होगी।
वास्तव में, हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 के इन प्रावधानों को हटा दिया था।
इसके बाद शिक्षा सचिव ने गाइडलाइन में संशोधन की अधिसूचना जारी की। इस संशोधन के बाद, अब प्रदेश में करीब 3500 गरीब बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
पिछले साल केवल हमीरपुर जिले में ही 155 बच्चों का प्रवेश हुआ था। अब पूरे प्रदेश में गरीब माता-पिता के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाना चाहते हैं।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक घनश्याम चंद ने बताया कि गाइडलाइन को सरल करने के कारण, अब अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे निजी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं।
इस साल इसमें काफी वृद्धि हुई है और हर साल इसमें वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। सरकार हर विद्यार्थी की मासिक फीस अदा करेगी।