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हिमाचल में मज़दूर किसान यूनियनों ने प्रदर्शन कर मनाया काला दिवस….

हिमाचल में मज़दूर किसान यूनियनों ने प्रदर्शन कर मनाया काला दिवस….

Paonta Sahib में भी जगह जगह हुए प्रदर्शन….

किसानों के काले झंडे लगाकर किया केंद्र की नीतियों का विरोध….

Newsghat Paonta Sahib

केंद्रीय मजदूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर मजदूर संगठन सीटू ने जिला, ब्लॉक मुख्यालयों, कार्यस्थलों में प्रदर्शन कर राष्ट्रीय काला दिवस मनाया।

केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदेश में हजारों मजदूरों ने अलग-अलग जगह कोविड नियमों का पालन करते हुए अपनी भागीदारी की। सरकार से मांग की है कि मजदूरों को वर्ष 2021 में भी दो-दो की तीन किस्तें जारी की जाएं।

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प्रदर्शन शिमला, रामपुर, रोहड़ू, निरमंड, बिथल, झाकड़ी, नाथपा, टापरी, बायल, चिडग़ांव, सोलन, बद्दी, नालागढ़, परवाणू, अर्की, पांवटा साहिब, कुल्लू, आनी,  मंडी, रिवालसर, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर, हमीरपुर, बैजनाथ, पालमपुर, धर्मशाला, चंबा और ऊना में हुए।

इस मौके पर पूर्व विधायक किरनेश जंग चौधरी, कांग्रेस जिला महासचिव व किसान नेता हरप्रीत सिंह रतन, हिमाचल किसान सभा के जिला सचिव गुरिंदर सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन के दौरान कहा कि तीनों काले कानूनों को वापिस न लेने से केंद्र सरकार की किसानों के प्रति नियत जगजाहिर हो गई है।

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उधर, सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा और महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि कोविड महामारी को केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों के लिए लूट के अवसर में बदल दिया है। सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में विफल है।

सरकार सबको मुफ्त वैक्सीन तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है। कोरोना काल में पंद्रह करोड़ मजदूर नौकरियों से वंचित हो चुके हैं। मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड बना दिए।

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हिमाचल में पांच हजार से ज्यादा कारखानों में कार्यरत लगभग साढ़े तीन लाख मजदूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर 12 कर दिए। किसानों के खिलाफ तीन काले कृषि कानून बना दिए।

मजदूर नेताओं ने कहा कि डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल, सभी स्वास्थ्य कर्मियों, आशा, आंगनबाड़ी, सफाई, आउटसोर्स कर्मियों जैसे कोरोना योद्धाओं की रक्षा करने में यह सरकार असफल रही है।

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इन्हें बीमा सुविधा तक देने में सरकार विफल है। लाखों लोग महामारी से जान गंवा चुके हैं, लेकिन उनके परिवार को  कोई मदद नहीं मिली है।

खाद्य वस्तुओं, सब्जियों और फलों के दाम में कई गुना वृद्धि की है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बढ़ा दी हैं। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों पर भी विपरीत असर पड़ा है। स्कूल फीस में वृद्धि की गई है।

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Written by newsghat

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