हिमाचल में 396 करोड़ के विद्युत घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हो : हरप्रीत रतन
विद्युत घोटाले पर सरकार अपनी नीति और नीयत स्पष्ट करे, बोले कांग्रेस नेता हरप्रीत रतन
पहले भी ट्यूवैल सब्सिडी घोटाले और श्री रेणुका जी में शराब कांड में घिर चुके हैं ऊर्जा मंत्री
हिमाचल प्रदेश में कथित तौर पर 396 करोड़ रुपए का विद्युत घोटाला सामने आया है। घोटाले में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के संलिप्त होने के आरोप लगे हैं।
ऐसे में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी को मामले की जांच होने तक खुद ही नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए।
ये बात जिला कांग्रेस कमेटी सिरमौर के महासचिव हरप्रीत सिंह रतन ने पांवटा साहिब में जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि सुखराम चौधरी का विवादों से नाता रहा है। इससे पहले भी वे ट्यूवैल सब्सिडी घोटाले और श्री रेणुका जी शराब कांड को लेकर भी चर्चा में रहे हैं।
लेकिन भाजपा उनके ऊपर मेहरबान रही है, पार्टी के इस रवैए से भ्रष्टाचार और अपराधों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति की असलियत जगजाहिर हो गई है।
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यही कारण है कि घोटाले के मामले में प्रदेश सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में अपनी नियत और नीति स्पष्ट करे
अगर भाजपा की जयराम सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर नियत साफ तो तत्काल प्रभाव से इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए और जांच पूरी होने तक ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी को उनके मंत्री पद से हटाया जाए।
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