हिमाचल विधानसभा में 76 घंटे का बजट, 101 फीसदी रही प्रोडक्टिविटी, पूछे गए 979 प्रश्न
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में पहले दिन बेशक राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष ने वॉकआउट किया, लेकिन इस बार ये सत्र 76 घंटे तक चला और इसकी प्रोडक्टिविटी यानी उत्पादकता 101 फीसदी रही। जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार का ये आखिरी बजट सत्र था।
आंकड़ों की नजर से देखें तो इस बार विधानसभा का सत्र 76 घंटे चला. इसमें कुल 979 सवाल पूछे गए. बजट पेश करने के बाद उस पर चार दिन तक चर्चा हुई। बजट अनुमान पर 49 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया और सीएम जयराम ठाकुर ने 11 मार्च को 70 मिनट में चर्चा का जवाब दिया।
इस बजट सत्र की शुरूआत 23 फरवरी को हुई. सत्र के दौरान कुल 15 बैठकें हुईं। हालांकि सत्र में कुल सोलह बैठकें होनी थी, लेकिन शिवरात्रि पर्व को लेकर 28 फरवरी के दिन विधानसभा सदस्यों की मांग के अनुरूप अवकाश किया गया. विधानसभा में 2 मार्च को निर्धारित समय से पूर्व ही दस बजे सत्र शुरू कर दिया गया था।
इस सेशन में 4 मार्च को सीएम जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। इस बार 26 फरवरी व 5 मार्च को शनिवार के दिन भी कार्यवाही हुई। सत्र में 26 फरवरी को ही अनुपूरक बजट पेश किया गया था।
राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चार दिन तक चर्चा चली। इसमें सत्ता पक्ष व विपक्ष के 42 सदस्यों ने भाग लिया। ये चर्चा 14 घंटे व 16 मिनट तक चली।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2 मार्च को चर्चा का जवाब दिया. सीएम ने जवाब देने के लिए 67 मिनट का समय लिया था। कटौती प्रस्तावों पर दो दिन चर्चा व जवाब हुए। प्रश्नकाल में कुल 979 सवाल लगे थे। इसमें से 617 तारांकित व 362 अतारांकित थे। नियम 62 के तहत एक विषय आया था।
इसके अलावा दो संकल्प प्रस्ताव चर्चा के बाद वापिस लिए गए. पिछले सत्र का बकाया एक संकल्प प्रस्ताव भी चर्चा में आया. एक प्रस्ताव का जवाब सीएम जयराम ठाकुर मानसून सेशन में देंगे।
सदन में इस सत्र के दौरान पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए। नियम-324 के तहत विशेष उल्लेख के जरिए 13 विषय उठाए गए। इसी प्रकार सभा की समितियों के 54 प्रतिवेदन उपस्थापित किए गए।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सत्र में संचालन में मिले सहयोग के लिए सभी का आभार जताया। उन्होंने सीएम द्वारा पेश बजट को जन हितैषी बताया है।