300 से अधिक भारतीयों ने छुपा रखा है विदेश में पैसा
पनामा पेपर्स ने खोली पोल, सरकार से संपत्ति छुपाने का प्रयास
भारत में आर्थिक विषमता का एक बड़ा कारण यह है, कि भारत में जिसके पास पैसा है। तो सीमा से अधिक है, जिसके पास नहीं है, उसके पास बिल्कुल नहीं है।
यद्यपि सरकार इस विषमता को मिटाने के लिए लगातार प्रयासरत है। और नोटबंदी जैसे कई बड़े निर्णय ले चुकी है, जिसका कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला और पूंजीपतियों के हाथ में संरक्षित, यह धन उन्हीं के हाथ में बना रहा।
बड़ी समस्या है, विदेशों में जमा धन, जी हां भारत में आर्थिक विषमता का एक बड़ा कारण भारतीय पूंजीपतियों का विदेशों में छुपा धन हैं अभी हाल में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 300 भारतीयों ने विदेश में धन छुपा रखा है।
पनामा पेपर्स ने खोली पोल
पनामा पेपर्स के खुलासों के बाद अब पिंडोरा पेपर्स लीक ने सनसनी फैला दी है। इसमें भारत समेत दुनिया के शक्तिशाली लोगों के गुप्त सौदे और ब्लैक मनी का जिक्र है।
खास बात यह है, कि 3 अक्टूबर को जारी पिंडोरी पेपर्स में 300 से अधिक भारतीय नाम है। जिसमें से 60 प्रमुख हस्तियों और बड़ी भारतीय कंपनियों के दूसरे देशों में मौजूद या ऑफशोर एकाउंट्स की जांच की गई है।
सरकार से संपत्ति छुपाने का प्रयास
क्विंट हिंदी के मुताबिक, पिंडोरा पेपर्स लीक में भारतीय कारपोरेट डिफाल्टर से लेकर टॉप बिजनेसमैन तक सीबीआई ईडी के केस में शामिल आरोपियों से बड़ी हस्तियों के नाम भी हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति को सरकार की नजर से छिपाने के लिए दूसरे देशों में पैसे भेज दिए थे।
इसके अतिरिक्त 5 गार्जियन न्यूज के मुताबिक इसमें वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों समेत दुनिया के 35 नेताओं के नाम है।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम आफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने 14 सोर्स से दस्तावेज प्राप्त किए और इस रिपोर्ट का खुलासा किया।