

Direct Or Regular Mutual Fund: आज की SIP में 10 साल बाद कौन सा फंड देगा ज्यादा रिटर्न! एक क्लिक में जानिये
Direct Or Regular Mutual Fund: आज निवेश के कई सारे रास्ते उपलब्ध हैं, लेकिन म्युचुअल फंड निवेश हमेशा से ही निवेशकों का लोकप्रिय विकल्प रहा है। SIP के माध्यम से छोटे-छोटे निवेश के साथ आप अपनी वेल्थ क्रिएशन को एक बड़ी राशि में बदल सकते हैं।

Direct Or Regular Mutual Fund: आज की SIP में 10 साल बाद कौन सा फंड देगा ज्यादा रिटर्न! एक क्लिक में जानिये
परंतु निवेशकों को अक्सर एक परेशानी का सामना करना पड़ता है जहां वे यह निर्णय नहीं ले पाते कि उन्हें डायरेक्ट प्लान चुनना है या रेगुलर प्लान? क्योंकि दोनों ही प्लान एक ही फंड का हिस्सा है परंतु उनकी लागत और रिटर्न में भारी अंतर होता है।
डायरेक्ट प्लान में आप सीधे फंड हाउस के माध्यम से निवेश करते हैं, जबकि रेगुलर प्लान में आप वितरक या एजेंट के माध्यम से निवेश करते हैं। ऐसे में इतना छोटा सा अंतर आपकी निवेश की कमाई पर गहरा असर डालता है।

जिसके चलते यह जानना जरूरी है कि कौन सा विकल्प निवेशकों के लिए बेहतर है? और किस प्रकार बेहतर है? और इसी को देखते हुए आज के इस लेख में हम आपको दे रहे हैं डायरेक्टर और रेगुलर प्लान का मुख्य अंतर ताकि आप अपनी सुविधा अनुसार प्लान का चयन कर सके।
Direct Or Regular Mutual Fund Plan में मुख्य अंतर क्या है


● डायरेक्ट प्लान में निवेश सीधा फंड हाउस के माध्यम से होता है इसीलिए एजेंट की कमीशन का शुल्क नहीं होता। इसी के उलट रेगुलर में एजेंट को कमीशन देना पड़ता है जिसकी वजह से निवेश का खर्चा बढ़ जाता है।
● डायरेक्ट प्लान में लंबे समय में निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिलता है। इसके विपरीत रेगुलर प्लान में खर्च बढ़ने पर निवेश की मेच्योरिटी वैल्यू पर भी असर पड़ता है।
● हालांकि डायरेक्ट प्लान आत्मनिर्भर निवेशकों के लिए परफेक्ट है क्योंकि इन्हें फंड हाउस की जानकारी पहले से होती है और जोखिम यह पहले से ही समझ लेते हैं। परंतु नए निवेशकों के लिए रेगुलर प्लान सही विकल्प होते हैं क्योंकि इसमें एजेंट या डीलर मार्गदर्शन करते हैं।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए एक निवेशक हर महीने 10,000 की SIP करता है और 10 साल तक इसमें निवेश करता है और ऐसे में यदि वह डायरेक्ट प्लान चुनता है तो उसे सीधा रिटर्न 30 से 42 लाख का मिल सकता है। इसके विपरीत रेगुलर प्लान में एजेंट की कमीशन और अन्य खर्च मिलकर यह रिटर्न की राशि 28 से 38 लाख तक ही पहुंचती है।
कैसे पता करें कि डायरेक्ट प्लान सही है या रेगुलर प्लान?
● जब आप फंड की मूल बातें जानते हैं, आप जोखिम को समझते हैं, आप निवेश के निर्णय खुद लेना पसंद करते हैं और कम खर्च करते हुए ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो डायरेक्ट प्लान चुनें।
● वहीँ जब आप निवेश में नए-नए हैं और आप मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में फंड मैनेजर की राय जरूरी हो जाती है, जिसके चलते रेगुलर प्लान निवेश जोखिम मुक्त हो सकता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर डायरेक्टर और रेगुलर प्लान दोनों ही निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि यह निवेशक के अनुभव और निवेश अवधि पर निर्भर करता है कि वह कौन से प्लान के साथ जाना चाहते हैं। नए निवेशक और मार्गदर्शन की चाह रखने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर प्लान ही एक्सपर्ट द्वारा सुझाए जाते हैं।

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