HDFC Bank Personal Loan Rule Change: HDFC Bank ने पर्सनल लोन के नियमों में किया ये बड़ा बदलाव, पढ़ें कितना होगा फायदा या नुकसान
HDFC Bank Personal Loan Rule Change: अगर आप HDFC Bank से पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं या फिर पहले से ले चुके हैं तो ये अहम सूचना आपके लिए है।
प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंकों में से एक HDFC Bank ने पर्सनल लोन के नियम में बड़ा बदलाव किया है। आगे हम विस्तार से इस बारे में जानेंगे।
HDFC Bank Personal Loan Rule Change: पहले जान लें कि क्या होता है पर्सनल लोन ..?
इससे पहले की हम आपको एचडीएफसी बैंक के पर्सनल लोन के नियम को लेकर किए गए बदलाव के बारे में बताएं, पहले ये जान लें कि पर्सनल लोन क्या होता है ?
पर्सनल लोन साधारणतः पर तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है। पर्सनल लोन ऐसा लोन होता है, जो बहुत कम या बिना किसी दस्तावेज और सिक्योरिटी के दिया जाता है।
इस लोन के पैसे को किसी भी वित्तीय उपयोग में लाया जा सकता है। पर्सनल लोन देने के लिए बैंक आवेदनकर्ता का लोन वापसी की क्षमता, सिबिल स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री की जांच करता है और इसके बाद लोन की ऑफर करता है। जब आप इसे मंजूर कर लेते हैं, तो लोन का पैसा आपके बैंक खाते में जमा हो जाता है।
HDFC Bank Personal Loan Rule Change: कैसे तय होती हैं पर्सनल लोन की ब्याज दरें
होम लोन हो या गोल्ड लोन सभी तरह के लोन की ब्याज दर अलग अलग होती हैं। आम तौर पर पर्सनल लोन के मामले में आवेदक की आय, बिजनेस, सिबिल स्कोर और लोन पीरियड समेत कई बिंदुओं के आधार पर ब्याज की दर तय की जाती हैं।
देखा जाए तो पर्सनल लोन की ब्याज दरें फिक्स्ड रहती हैं। इसमें रेपो रेट में उतार- चढ़ाव के साथ बदलाव नहीं होता। इसके साथ ही, हर महीने पर्ननल लोन की ब्याज दर कम करने की प्रक्रिया का इस्तेमाल करके बकाया लोन की शेष राशि पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है। इस मामले में टोटल लोन अकाउंट पर बकाया ब्याज ईएमआई में शामिल होता है।
HDFC Bank Personal Loan Rule Change: कौन ले सकता है पर्सनल लोन
जब भी किसी को अचानक पैसे की जरूरत पड़ती है तो वह पर्सनल लोन के बारे में विचार करता है। लेकिन आपको पर्सनल लोन मिलेगा या नहीं, ये कई बातों पर निर्भर करता है।
पर्सनल लोन में वैसे तो कॉलेटरल रखने की शर्त नहीं होती है। लेकिन फिर भी बैंक ग्राहक को कुछ पैरामीटर्स पर परखते हैं, जिसके बाद ही वो उसे लोन जारी करते हैं।
इन पैरामीटर्स में आपकी उम्र, आपकी इनकम और आपका क्रेडिट स्कोर सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। सबसे पहले अगर आपका मासिक वेतन 15,000 से 25,000 रुपये है तो बैंक आसानी से आपको लोन दे देते हैं।
दरअसल बैंक ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप लोन लेकर चुकाने की स्थिति में हैं या नहीं और आपके मासिक वेतन के अनुपात में आपको कितना लोन दिया जा सकता है?
21 से 60 साल के बीच के लोगों को लोन जारी किया जाता है। इसके साथ ही ये भी देखा जाता है कि आप अपनी नौकरी में कितने लंबे समय से हैं। आमतौर पर न्यूनतम 1 साल के अनुभव को प्राथमिकता दी जाती है।
HDFC Bank Personal Loan Rule Change: पर्सनल लोन को लेकर एचडीएफसी बैंक ने किया ये बदलाव…
जैसा की हमने पहले ही बताया कि पर्सनल लोन लेने वालों के लिए ये एक महत्वपूर्ण सूचना है। सूचना यह है कि देश के बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंकों में शामिल एचडीएफसी बैंक ने पर्सनल लोन के शुल्क ढांचे में दबलाव किया है।
HDFC Bank की वेबसाइट के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार 24 अप्रैल 2023 से पर्सनल लोन जैसे असुरक्षित लोन पर शुल्क और शुल्क ढांचे को संशोधित किया है।
एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को इस संबंध में ई-मेल और SMS के जरिए संदेश भी भेजे हैं। बैंक के अनुसार, फिक्स्ड टर्म लोन के लिए बकाया किस्त राशि और कोई जीएसटी या सरकारी टैक्स पर 18 फीसदी सालाना का किस्त भुगतान में देर करने पर अलग से शुल्क वसूला जाएगा।
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