Health Insurance Claim: देश की बड़ी हैल्थ इंश्योरेंस कंपनी को अदालत की फटकार! अब क्लेम के साथ देना पड़ेगा जुर्माना! पढ़ें क्या है पूरा मामला
Health Insurance Claim: स्वास्थ्य बीमा सेवा प्रदान करने वाली स्टार हेल्थ कंपनी ने एक कोरोना मरीज का क्लेम खारिज करने के कारण कड़ी मुंहकी खाई है।
उपभोक्ता अदालत ने कंपनी की आलोचना करते हुए मरीज को क्लेम की राशि के साथ-साथ मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने मानसिक परेशानी की भरपाई के लिए भी पीड़ित को धनराशि देने का निर्देश दिया है।
Health Insurance Claim: देश की बड़ी हैल्थ इंश्योरेंस कंपनी को अदालत की फटकार! अब क्लेम के साथ देना पड़ेगा जुर्माना! पढ़ें क्या है पूरा मामला
Health Insurance Claim: एक खबर के अनुसार, सूरत जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने स्वास्थ्य बीमा कंपनी स्टार हेल्थ की कड़ी निंदा की है क्योंकि उन्होंने कोरोना मरीज के अस्पताल में भर्ती होने का क्लेम खारिज कर दिया था।
अदालत ने यह कहा कि मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं, इसका निर्णय डॉक्टर लेते हैं, न कि बीमा कंपनी।
गुजरात के व्यारा निवासी अमित कुमार गोयल के पक्ष में अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
अमित कुमार ने अपने अस्पताल के बिल के लिए 86,250 रुपये का मेडिक्लेम स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से किया था, लेकिन कंपनी ने इसे “भर्ती की आवश्यकता नहीं है” कहकर खारिज कर दिया था।
इस पर सुनवाई के दौरान, उपभोक्ता अदालत ने स्टार हेल्थ की कड़ी आलोचना की।
अमित गोयल ने स्टार हेल्थ से 10 लाख रुपये की कवरेज वाली मेडिक्लेम पॉलिसी 2020-2021 की अवधि के लिए खरीदी थी।
18 नवंबर 2020 को उन्हें सूरत के एक निजी अस्पताल में कोरोना और वायरल निमोनिया के लिए भर्ती करवाया गया था। उन्हें उपचार के बाद 25 नवंबर को छुट्टी दी गई थी।
हालांकि, 22 फरवरी 2021 को, कंपनी ने उनके दावे को खारिज कर दिया। इस पर गोयल ने उपभोक्ता आयोग के पास जाकर मानसिक परेशानी और अस्पताल के खर्च के लिए मुआवजा की मांग की।
सुनवाई के बाद, उपभोक्ता अदालत ने स्टार हेल्थ की कड़ी आलोचना की और टिप्पणी करते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के निर्णय को बीमा कंपनी नहीं, बल्कि इलाज करने वाले डॉक्टर लेते हैं।
उपभोक्ता अदालत ने स्टार हेल्थ से 86,250 रुपये की क्लेम राशि और इस पर 9 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया। इसके अलावा, मानसिक उत्पीदन के लिए वे 3,000 रुपये अतिरिक्त देने को कहा गया है।