Himachal Health News: अस्पताल के बरामदों में गुज़र रहीं कैंसर मरीजों की रातें! क्या है पूरा मामला देखें रिपोर्ट
Himachal Health News: हिमाचल प्रदेश के टांडा अस्पताल में कैंसर के मरीजों की हालत बहुत ही दयनीय हो चुकी है।
इन मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं, जिसके कारण उन्हें ठंडी सीमेंट की फर्श पर बरामदों में ही रात बितानी पड़ रही है।
Himachal Health News: अस्पताल के बरामदों में गुज़र रहीं कैंसर मरीजों की रातें! क्या है पूरा मामला देखें रिपोर्ट
इस विषय पर मुख्य ध्यान एक मरीज कीमो पर है, जो चंबा की रहने वाली हैं। कीमो को अगस्त 2023 में ऑपरेशन के बाद नियमित रूप से कीमोथैरेपी और रेडिएशन थेरेपी के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आना पड़ता है।
मीमो की कीमोथैरेपी प्रत्येक 21 दिनों में और रेडिएशन थेरेपी सप्ताह में पांच दिन होती है। इसके चलते, वह हर दिन चंबा से टांडा नहीं आ सकतीं।
उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत नहीं है, और एक यात्रा का खर्च लगभग चार-पांच हजार रुपए आता है। इस कारण से मीमो को अस्पताल के बरामदे में रुकना पड़ता है।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को बेड न देने की स्थिति में, मरीज और उनके परिजनों को ठंड में बाहर रहना पड़ता है।
यह स्थिति उन दूरदराज के मरीजों के लिए और भी कठिन हो जाती है जो हर रोज यात्रा करने में सक्षम नहीं होते। विशेषकर उनके लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और उपचार के लिए दूर-दूर से आते हैं।
टांडा अस्पताल में बेड की कमी के कारण, इन मरीजों को अत्यधिक ठंड में बरामदों में ही रात गुजारनी पड़ती है, जो उनकी सेहत और इलाज के लिए हानिकारक है।
हालांकि अस्पताल में एक सराय तैयार है, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद इसे मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए खोला नहीं गया है। इससे मरीजों को बहुत दिक्कतें हो रही हैं, खासकर सर्दियों के दौरान।
उपायुक्त जिला कांगड़ा ने भी सराय का दौरा किया, परंतु अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मरीजों को सराय की सुविधा कब मिलेगी और उनकी ये पीड़ाएं कब दूर होंगी?
यह स्थिति न सिर्फ मरीजों के लिए, बल्कि उनके परिजनों के लिए भी मानसिक और शारीरिक तौर पर चुनौतीपूर्ण है।