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HP News: कभी बड़ी मुश्किल से चलता था घर का गुजारा! अब ई-टैक्सी चलाकर मुकेश और सुभाष प्रतिमाह कमा रहे 50 हजार

HP News: कभी बड़ी मुश्किल से चलता था घर का गुजारा! अब ई-टैक्सी चलाकर मुकेश और सुभाष प्रतिमाह कमा रहे 50 हजार

HP News: कभी बड़ी मुश्किल से चलता था घर का गुजारा! अब ई-टैक्सी चलाकर मुकेश और सुभाष प्रतिमाह कमा रहे 50 हजार
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HP News: कभी बड़ी मुश्किल से चलता था घर का गुजारा! अब ई-टैक्सी चलाकर मुकेश और सुभाष प्रतिमाह कमा रहे 50 हजार

HP News: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता के नए रास्ते खोल रही है। योजना के तहत ई-टैक्सी के लिए पात्र युवाओं को 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है। साथ ही सरकारी विभागों से संबद्ध कर गाड़ी किराए पर देने का प्रावधान भी किया गया है।

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HP News: कभी बड़ी मुश्किल से चलता था घर का गुजारा! अब ई-टैक्सी चलाकर मुकेश और सुभाष प्रतिमाह कमा रहे 50 हजार

इस योजना का उद्देश्य युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनमें उद्यमशीलता की भावना विकसित करना है। ई-टैक्सी की यह पहल राज्य सरकार के सहयोग से युवाओं को स्थायी आय का एक सशक्त माध्यम सुनिश्चित करती है। पात्र युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने के लिए राज्य सरकार 50 प्रतिशत तक उपदान देती है।

शेष राशि में लगभग 40 प्रतिशत बैंक ऋण के रूप में उपलब्ध करवाया जाता है और केवल 10 प्रतिशत हिस्सेदारी लाभार्थी को स्वयं वहन करनी पड़ती है। योजना के तहत खरीदी गई ई-टैक्सी को सरकारी विभागों के साथ संबद्ध किया जाता है, जिससे लाभार्थियों को प्रति माह सरकार द्वारा ई-टैक्सी के अनुसार 50 से 60 हजार रुपये दिए जाते हैं।

योजना का लाभ केवल हिमाचल प्रदेश के स्थाई निवासी, वैध ड्राईविंग लाइसेंसधारक और पात्र आयु सीमा वाले युवाओं को ही मिलेगा। नेचुरल एवं ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की इस अभिनव पहल के प्रति युवाओं का उत्साह बढ़ा है। प्रदेश में इस योजना के तहत गत वर्ष लगभग तीन करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की गई है।

योजना के अंतर्गत मंडी जिला में भी अब तक लगभग 21 लाख 74 हजार रुपए का उपदान लाभार्थियों को प्रदान किया जा चुका है। योजना के लाभार्थी मांडल गांव के मुकेश ठाकुर ने बताया कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप ई-टैक्सी योजना की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली। इसके उपरांत फार्म भरा और साक्षात्कार दिया। ड्राइविंग टेस्ट पास होने के बाद उन्हें ई-टैक्सी मिल गई।

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उन्होंने बताया कि उनकी यह ई-टैक्सी जल शक्ति विभाग से संबद्ध की गई है। मुकेश ठाकुर ने बताया कि इससे पहले वे चालक की नौकरी करते थे और मात्र 10 हजार रुपए वेतन मिलता था। इससे बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चलता था। उन्होंने बताया कि ई-टैक्सी योजना के तहत उन्होंने लगभग साढ़े 15 लाख रुपये की गाड़ी खरीदी जिस पर साढ़े सात लाख रुपए सब्सिडी 50 प्रतिशत की दर से मिल चुकी है।

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जल शक्ति विभाग से संबद्ध होने के बाद अब हर महीने 50 हजार रुपये मिलते हैं। इस योजना से उनकी आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ है तथा घर का खर्चा भी आसानी से चल रहा है। सरकार द्वारा इस तरह की योजना चलाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया है।

तहसील संधोल के भूर गांव निवासी सुभाष चंद्र भी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के लाभार्थी हैं। उन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी मिली है। आजकल उनकी गाड़ी जल शक्ति विभाग पधर उपमंडल में लगी है। उन्होंने बताया कि हर माह 50 हजार रुपये की आय हो रही है।

पहले वह बेरोजगार थे, लेकिन इस योजना का लाभ उठाकर अब उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं से भी अपील की है कि सरकार की ऐसी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर वे भी स्वरोजगार की राह अपना सकते हैं। सुभाष ने इसके लिए प्रदेश सरकार और विशेषतौर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है।

राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के अंतर्गत ई-टैक्सी की पहल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील पत्थर साबित हो रही है। इससे बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार और स्थिर आय का साधन मिलने से उनकी आर्थिकी में सुधार हो रहा है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से वातावरण स्वच्छ रखने में भी मदद मिल रही है।

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Written by News Ghat

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