HP News: सडक़ किनारे मौसमी फल व सब्जियां बेच रही महिलाएं! परिवार की आर्थिकी को कर रही सुदृढ़
HP News: ग्रामीण महिलाएं अब बच्चों व परिवार की देखरेख के साथ-साथ परिवार की आर्थिकी को भी सुदृढ़ बनाने का प्रयास कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो आज भी बड़े स्तर पर महिलाएं खेती-बाड़ी व पशुपालन के साथ जुड़ी हुई हैं। लेकिन बदलते वक्त के साथ आज यही ग्रामीण महिलाएं घर की दहलीज पार कर परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहीं हैं।
HP News: सडक़ किनारे मौसमी फल व सब्जियां बेच रही महिलाएं! परिवार की आर्थिकी को कर रही सुदृढ़
हकीकत तो यह है कि ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक खेती-बाड़ी व पशुपालन को आज आर्थिकी का अहम जरिया बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। हमारी इन ग्रामीण महिलाओं की इस बदलती सोच का ही नतीजा है कि पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर जोगिन्दर नगर के गलू से लेकर गुम्मा नामक स्थान तक लगभग दो दर्जन से अधिक महिलाएं प्रतिदिन सडक़ किनारे मौसमी फल व सब्जियां बेचते हुए नजर आ जाएंगी।
ये मेहनतकश महिलाएं प्रतिदिन अपने घर से लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर का सफर तय कर सडक़ तक पहुंचती है। इस दौरान वे खेतों में तैयार मौसमी फल व सब्जियों को पीठ पर उठाकर न केवल सडक़ तक पहुंचाती हैं बल्कि इन्हें बेचने का भी कार्य कर रही हैं। इससे न केवल उन्हे परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए धनराशि प्राप्त हो जाती है बल्कि घर में प्राकृतिक तौर पर तैयार इन मौसमी फल व सब्जियों को एक मार्केट भी उपलब्ध हो रही है। प्रतिदिन इस राष्ट्रीय उच्च मार्ग से सैंकड़ो वाहन गुजरते हैं, ऐसे में राहगीर प्राकृतिक तौर पर तैयार इन फलों व सब्जियों को खरीदने के लिए विशेष तरजीह भी देते हैं।
इससे इन ग्रामीण महिलाओं को परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी धनराशि का इंतजाम भी हो रहा है। जब इस संबंध में कुछ महिलाओं से बातचीत की तो इनका कहना है कि कोविड के दौरान जब परिवार की आय के साधन बंद हो गए थे, तो उन्होंने सडक़ किनारे बैठकर फल व सब्जियां बेचनी शुरू की। इससे न केवल उन्हें उस मुश्किल दौर में आय का एक नया जरिया मिला बल्कि घर में तैयार होने वाली मौसमी फल व सब्जियां बेचने को एक मार्केट भी उपलब्ध हुई।
दिन भर की ताजा खबरों के अपडेट के लिए WhatsApp NewsGhat Media के इस लिंक को क्लिक कर चैनल को फ़ॉलो करें।
शुरूआती दौर में मात्र कुछ महिलाएं ही सामने आई लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा दो दर्जन से भी अधिक का हो चुका है। इनका कहना है कि इस कार्य से न केवल उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये जरूरी धनराशि प्राप्त हो रही है बल्कि उन्हें समाज के बीच स्वयं को स्थापित करने का एक अवसर भी मिल रहा है। ये महिलाएं अब पूरा वर्ष भर मौसम आधारित फलों व सब्जियों को बेचने का कार्य कर रही हैं।
इसी बीच सब्जियां खरीदने के लिए रूके कुछ यात्रियों से बातचीत की तो इनका भी कहना है कि ग्रामीण महिलाओं द्वारा बेचे जा रहे ये उत्पाद जहां पूरी तरह से प्राकृतिक हैं तो वहीं कीमत बाजार भाव से भी कुछ कम है। जिसका सीधा असर उनकी सेहत के साथ-साथ आर्थिकी पर भी पड़ता है। साथ ही कहना है कि प्राकृतिक तौर पर तैयार सब्जियां बाजारों में आजकल बमुश्किल से ही मिल पाती हैं, लेकिन आज वे यहां से टमाटर, भिंडी, तोरी, देसी ककड़ी, करेला, घीया, कद्दू, घंघीरी, प्याज, आलू, अदरक, लहसुन, मूली इत्यादि खरीद कर ले जा रहे हैं जो पूरी तरह से प्राकृतिक तौर पर उगाए गए हैं तथा इनकी पौष्टिकता भी अधिक है।
ऐसे में कह सकते हैं कि ग्रामीण महिलाओं ने परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाकर पशु पालन व खेती बाड़ी के साथ-साथ आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है। ग्रामीण महिलाओं का यह प्रयास निश्चित तौर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कड़ी साबित हो रहा है।
दिन भर की ताजा खबरों के अपडेट के लिए WhatsApp NewsGhat Media के इस लिंक को क्लिक कर चैनल को फ़ॉलो करें।
Our passionate journalist at Newsghat, dedicated to delivering accurate and timely news from Paonta Sahib, Sirmaur, and rural areas. With a focus on community-driven stories, we ensures that every report reaches you with clarity and truth. At Newsghat, it’s all about “आपकी बात”!