ITR: जानिए क्या होता है ITR 2 फॉर्म! इसे भरते इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो झेलनी पड़ेगी परेशानियां
ITR: इनकम टैक्स विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के फॉर्म जारी किए जाते हैं। अलग-अलग वर्गों के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं। इन्हीं में से एक है ITR फॉर्म 2, यह विशेषकर उन लोगों के लिए डिजाइन किया जाता है जिन्हें वेतन के साथ-साथ अन्य स्रोतों से भी आय प्राप्त होती है।
ITR: जानिए क्या होता है ITR 2 फॉर्म! इसे भरते इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो झेलनी पड़ेगी परेशानियां
जैसे की किराया, पूंजीगत लाभ, विदेशी निवेश, विदेशी संपत्ति इत्यादि। ITR 2 फॉर्म एक ऐसा आयकर रिटर्न फॉर्म होता है जो इंडिविजुअल या HUF द्वारा भरा जाता है। यह फॉर्म ITR 1 की तुलना में जटिल होता है और इस फॉर्म को उन्हीं लोगों को भरना होता है जिन्हें निम्नलिखित स्रोतों से आय प्राप्त होती है जैसे की,
● सैलरी,
● मकान से किराया,
● कैपिटल गेन,
● अन्य स्रोतों से आय,
● विदेशी संपत्ति या विदेशी निवेश से आय
● अथवा कृषि से ₹5000 से अधिक की आय।
ITR 2 फॉर्म किसे भरना चाहिए?
● ITR 2 फॉर्म उन्हीं लोगों को भरना चाहिए जिन्हें वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से भी आय की प्राप्ति होती है।
● ऐसे आयकर दाता जिनके पास एक से ज्यादा घर है भले ही वह घर खाली हैं या उनसे किराया प्राप्त हो रहा है।
● इसके अलावा ऐसे निवेशक जिन्होंने शेयर बाजार, म्युचुअल फंड या संपत्ति बेचकर हाल ही में कोई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाया है।
● साथ ही ऐसे निवेशक जो NRI हैं और भारत में आय कमा रहे हैं।
ITR 2 फॉर्म भरते समय कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए?
● आमतौर पर ITR 2 फॉर्म भरते समय आयकर दाता पूंजीगत लाभ की जानकारी दर्ज नहीं करते और ऐसे में रिटर्न अस्वीकृत हो जाता है।
● इसके अलावा ऐसे आयकर दाता जिनके पास विदेशी बैंक खाता, विदेशी प्रॉपर्टी इत्यादि है और वह इसका विवरण दर्ज नहीं करते, ऐसे में यह प्रॉपर्टी ब्लैक मनी कानून के अंतर्गत अपराधिक मानी जाती है।
● इसके अलावा कई लोग किसी बड़ी संपत्ति या शेयर बेचने पर हुए लाभ को सही तरीके से नहीं दर्ज करते और इसे इंडेक्सेशन बेनिफिट में नहीं जोड़ते जिसकी वजह से कई बार ज्यादा कर देना पड़ता है और नोटिस भी मिल सकता है।
● ITR 2 में यदि प्रॉपर्टी पति अथवा पत्नी के नाम है और किराया लिया जा रहा है तो ऐसे में भी जानकारी देना अनिवार्य हो जाता है और जानकारी ना देना जुर्म माना जाता है।
● ITR 2 में भी फॉर्म 26 AS और AIS के आंकड़ों का मिलान होना जरूरी है यदि ऐसा नहीं हुआ तो ITR 2 फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।
ITR 2 फॉर्म भरते समय किन बातों का ध्यान रखें?
● ITR 2 फॉर्म ,ITR 1 की तुलना में थोड़ा जटिल होता है। ऐसे में ITR 2 फॉर्म भरते समय हमेशा सभी आय स्रोतों का सटीक विवरण दें।
● फार्म 26 AS और AIS से क्रॉस चेक अवश्य करें।
● यदि आपने किसी प्रकार की कोई विदेश यात्रा की है या आपको किसी प्रकार से विदेशी आय प्राप्त हुई है तो इसका विवरण दर्ज करें।
● यदि आपको इस वित्तीय वर्ष में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मिला है तो उसका भी विवरण दर्ज करें और डॉक्यूमेंट दर्ज करें।
● वहीं यदि पति-पत्नी के नाम पर कोई संपत्ति/घर है जिससे किराया मिलता है तो इसका भी विवरण दर्ज करें।
● साथ ही यदि आप 80C, 80D, 80G के अंतर्गत किसी प्रकार का डिडक्शन क्लेम करना चाहते हैं तो उसके प्रमाण पत्र साथ में रखें।
क्या IT 2 फॉर्म भरने के लिए प्रोफेशनल की सलाह लेना जरूरी है?
हालांकि ITR 2 फॉर्म आप खुद भी भर सकते हैं। यदि आपकी आय सरल है और आपके पास इससे जुड़े सारे दस्तावेज उपलब्ध है तो यह फॉर्म आप ऑनलाइन भी भर सकते हैं। यदि आपकी आय बहुत ज्यादा जटिल है तो किसी प्रोफेशनल से परामर्श लेकर इसे भरना बेहतर होता है।
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