Jyoti Yarraji: कौन है ज्योति यार्राजी जिन्होंने 100 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड जीतकर लहराया भारत का परचम
Jyoti Yarraji: इन दिनों भारतीय खेल जगत में ज्योति यार्राजी का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में हो चला है। इसकी वजह है उनका लगातार दूसरी बार एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना। जी हां, हाल ही में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में ज्योति यार्राजी ने महिलाओं की 100 मी. हर्डल रेस में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है।

Jyoti Yarraji: कौन है ज्योति यार्राजी जिन्होंने 100 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड जीतकर लहराया भारत का परचम
उनके इस अचीवमेंट से पूरे एशिया में भारत का परचम लहरा रहा है। इस गोल्ड मेडल को जीत कर ज्योति यार्राजी ने साबित कर दिया है कि वह केवल एक चैंपियन ही नहीं है बल्कि लगातार जीतने वाली भारत की सबसे तेज महिला हर्डलर भी हैं। ज्योति यार्राजी की चर्चा इसीलिए भी ज्यादा तेज हो गई है क्योंकि वह पहले ही पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।
अब उनकी नजर 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलंपिक पर है। लगातार किसी एथलीट द्वारा जब गोल्ड जीता जाता है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह एथलीट अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का एथलीट बन चुका है, और ज्योति यार्राजी ने अपनी मजबूत प्रदर्शन से यही साबित किया है।


ज्योति यार्राजी का जन्म और संघर्ष
ज्योति यार्राजी का जन्म 28 अगस्त 1999 को विशाखापत्तनम आंध्र प्रदेश में हुआ था। वह एक सामान्य परिवार से आती है जिसमें कोई भी अब तक खेलों की तरफ आकर्षित नहीं हुआ था। परंतु ज्योति यार्राजी की किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था।
उनकी कद काठी की वजह से उनके स्कूल के PT टीचर ने उनकी दौड़ने की क्षमता को परखा और ज्योति यार्राजी को हर्डल दौड़ जैसी इवेंट में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालांकि शुरुआत में आर्थिक सीमाएं, संसाधन की कमी और अनुभवहीनता की वजह से कई प्रकार की मुसीबतें आईं, परंतु ज्योति यार्राजी ने लगातार बेहतर प्रदर्शन दिखाया।

डिस्ट्रिक्ट लेवल से राष्ट्रीय और फिर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बोलबाला
ज्योति ने 2015 में आंध्र प्रदेश के इंटर डिस्ट्रिक्ट मीट में गोल्ड जीता और तब उनके मेंटर को लगा की ज्योति में कुछ खास प्रतिभा है। उनके टेलेंट से प्रभावित होकर उन्होंने SIA सेंटर हैदराबाद में ज्योति की ट्रेनिंग की व्यवस्था की, जहां ज्योति ने ओलंपियन और द्रोणाचार्य अवार्डी कोच और N.Ramesh के मार्गदर्शन में तकनीकी कौशल सीखा। इसके बाद ज्योति को लगातार मार्गदर्शन मिलता रहा जिससे कि उनके खेल कौशल में निखार आता गया।
ज्योति यार्राजी की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियां
ज्योति यार्राजी की सबसे बड़ी उपलब्धियां में से एक है 100m हर्डल में भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित करना। उन्होंने यह रिकॉर्ड 12.78 सेकंड के शानदार समय के साथ बनाया। उनकी कुछ प्रमुख सफलताएं भी इस प्रकार है
● एशियाई एथलीट चैंपियनशिप 2023 में गोल्ड मेडल जीतना
● एशियाई चैंपियनशिप 2025 में लगातार दो गोल्ड मेडल जीतना
● फिजू वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम 2023 में ब्रॉन्ज मेडल में रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज करवाना
● एशियाई खेलों 2022-23 में सिल्वर मेडल जीतना
● वर्ष 2024 में ज्योति यार्राजी को भारतीय सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
निष्कर्ष
ज्योति यार्राजी केवल एक धावक नहीं है बल्कि भारतीय एथलेटिक्स का उभरता चेहरा बन चुकी है। ज्योति यार्राजी की सफलता साबित करती है कि गरीबी, कठिन परिस्थितियों और प्रतिस्पर्धाओं जैसी बाधाओं को तोड़ने के बाद इंसान सच में आत्मविश्वासी और परिश्रमी बन जाता है। ऐसे इंसान के कदम खुद कामयाबी चूमती है। अब भारत को इंतज़ार है 2028 में होने वाले लॉस एंजेल्स ओलंपिक का जहां ज्योति यार्राजी फिर से अपनी मेहनत का दम दिखाएंगी।
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