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LOK Sabha Election: पानी की तरह पैसा नहीं बहा सकेंगे नेता! निर्वाचन आयोग एक-एक खर्चे पर रखेगा नजर

LOK Sabha Election: पानी की तरह पैसा नहीं बहा सकेंगे नेता! निर्वाचन आयोग एक-एक खर्चे पर रखेगा नजर

LOK Sabha Election: पानी की तरह पैसा नहीं बहा सकेंगे नेता! निर्वाचन आयोग एक-एक खर्चे पर रखेगा नजर

LOK Sabha Election: आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के खर्चे पर निर्वाचन आयोेग की कड़ी नजर रहेगी। इस दौरान छोटे-छोटे खर्चों की भी पूरी गणना की जाएगी।

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LOK Sabha Election: पानी की तरह पैसा नहीं बहा सकेंगे नेता! निर्वाचन आयोग एक-एक खर्चे पर रखेगा नजर

चुनावी रैली-सभाओं, अन्य आयोजनों तथा प्रचार गतिविधियों से संबंधित प्रबंधों पर होने वाले खर्चों की दरें निर्धारित करने के लिए बुधवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अमरजीत सिंह ने यह जानकारी दी।

बैठक में इन प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा के बाद जिला हमीरपुर में चुनाव प्रचार से संबंधित विभिन्न प्रबंधों जैसे-रैली-सभाओं, टैंट-पंडाल, मंच, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स, पंफलेट, झंडे, जलपान, खाना, एलईडी, स्थानीय विज्ञापन, टोपी-मफलर, गुलदस्ता, कुर्सी, टेबल, बैंड-बाजा और अन्य सभी संभावित प्रबंधों की दरें निर्धारित की गईं।

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उपायुक्त ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे आदर्श आचार संहिता की अवधि एवं प्रचार के दौरान इन निर्धारित दरों का विशेष ध्यान रखें तथा इन्हीं के अनुसार अपनी पार्टी और उम्मीदवारों के खर्चों का लेखा-जोखा अपडेट रखें, ताकि सामान्य पर्यवेक्षक और व्यय पर्यवेक्षक के समक्ष पूरी जानकारी रखी जा सके।

उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए अधिकतम खर्चे की सीमा 95 लाख रुपये और विधानसभा चुनाव में 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर भी किसी प्रचार सामग्री जैसे-झंडे और बैनर इत्यादि या प्रचार गतिविधि पर 10 रुपये से अधिक का खर्चा करता है तो वह उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जुड़ जाएगा।

इसलिए, प्रचार या इससे संबंधित किसी भी सामग्री पर अगर कोई व्यक्ति 10 रुपये से अधिक की राशि खर्च कर रहा है तो उसे उम्मीदवार की अनुमति लेनी चाहिए। अमरजीत सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता की अक्षरशः अनुपालना और चुनावी खर्चे की सही गणना के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का सहयोग भी बहुत जरूरी है।

इसलिए, आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से संवाद किया जाएगा तथा उन्हें भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत करवाया जाएगा।

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Written by News Ghat

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