Mpox: वैश्विक महामारी एमपॉक्स को लेकर हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट
Mpox: वैश्विक महामारी एमपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से चौकस है और किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। डीसी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में एमपॉक्स महामारी से निपटने की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस वैश्विक बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
Mpox: वैश्विक महामारी एमपॉक्स को लेकर हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट
बताया कि स्वास्थ्य विभाग एमपॉक्स बीमारी को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। विभाग द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 67, जोनल हॉस्पिटल में 20, सिविल हॉस्पिटल सुंदरनगर में दो और करसोग में 6 आइसोलेशन बैड चिन्हित किए गए हैं। अन्य उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
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क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. अरिंदम राय ने बताया कि एमपॉक्स का पहला मामला डेनमार्क में वर्ष 1958 में पाया गया था व इसका निदान मध्य अफ्रीकी देश कांगो में हुआ था। यह बीमारी संक्रमित बंदरों, गिलहरी, चूहों आदि से स्वस्थ आदमी में आती है तथा इसके लक्षण उभरने में पाँच से 21 दिन तक लग सकते हैं।
जिनमें त्वचा पर दाग, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जुकाम आदि हो सकते हैं। यह बीमारी संक्रामक है तथा बीमार व्यक्ति के निकट संपर्क से, त्वचा से त्वचा का संपर्क होने, उसके बर्तन, तौलिया, बिस्तर सांझा करने पर फैलती है। इसके लक्षण कुछ-कुछ चिकन पॉक्स व मीजल से मिलते हैं। समय पर निदान होने पर इसके सैंपल लेकर प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं ताकि समय पर उपचार हो सके।
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