Paonta Sahib: गुरुद्वारा नानक दरबार बद्रीपुर में समर गुरमत ट्रेनिंग कैंप का समापन! 50 से ज्यादा बच्चों ने लिया भाग
Paonta Sahib: धन-धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज जी की छत्रछाया में गुरुद्वारा नानक दरबार बद्रीपुर में चल रहे 15 दिवसीय गुरमत ट्रेनिंग कैंप का समापन हो गया। कैंप के समापन के बाद गुरुद्वारा नानक दरबार बद्रीपुर में शुक्राने की अरदास की गई।
Paonta Sahib: गुरुद्वारा नानक दरबार बद्रीपुर में समर गुरमत ट्रेनिंग कैंप का समापन! 50 से ज्यादा बच्चों ने लिया भाग
जानकारी देते हुए उपप्रधान गुरजीत सिंह लंबरदार ने बताया कि कैंप में लगभग 50 से ज्यादा बच्चों ने गुरबाणी कंठ मुकाबले, दस्तार मुकाबले, पेटिंग प्रतियोगिता, कीर्तन, कविता, भाषण, क्विज, गुरमत प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें सभी बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रदर्शन किया।
वहीं उन्होंने बताया कि कैंप के सफल आयोजन के लिए प्रचारक परमजीत सिंह, गुरदीप सिंह जसप्रीत सिंह का विशेष योगदान रहा। इस आयोजन को करवाने के लिए खबरों वाला के संपादक जसवीर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा प्रचार प्रसार के द्वारा अधिक से अधिक बच्चों को इस कैंप में जोड़ा।
इस मौके विशेष तौर पर पहुंचे धर्म प्रचारक परमजीत सिंह ने समागम में आने और कैंप को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया। कमेटी की तरफ से सिरोपा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। प्रबंधक कमेटी ने प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर और अन्य सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
धर्म प्रचार कमेटी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर द्वारा बच्चों को कैंप के सर्टिफिकेट व मेडल दिए गए। वही उन्होंने सभी प्रतिभागियों को गुरबाणी के प्रति जुड़ने के लिए प्रेरित किया। वहीं उन्होंने कहा कि सिख संगम युवाओं को गुरबाणी, सिख इतिहास से जोड़ने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है।
उन्हीं प्रयासों के तहत इस 15 दिवसीय गुरमत ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों को गुरबाणी और सिख इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ऐसे ही अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि बच्चों को अपने सिख इतिहास के बारे में जानकारी हो सके। बच्चों को गुरबाणी उचारण का अभ्यास करवाया गया, जपजी साहिब के बारे में जानकारी दी गई।
सिख इतिहास, गुरु इतिहास, चार साहिबजादो व बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के जीवन व शहीदी के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही बच्चों को बताया गया कि सिख की सही परिभाषा क्या है। मूलमंत्र का उच्चारण अर्थों सहित समझाया गया।
दस्तार का महत्व बताया गया कि दस्तार एक सिख के जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है और उसका सत्कार कैसे करना चाहिए , बच्चों को दस्तार सजाने की भी प्रैक्टिस करवाई गई। नितनेम के बारे में बच्चों के सवालों के जवाब दिए गए। वहीं श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज व श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज की महान शहादत के बारे में विस्तार से बच्चों को जानकारी दी गई।
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