पुरुषों को इन समस्याओं से मुक्ति दिलायेगा बादाम, सर्दियों में जरूर करें सेवन….
लगातार बदलते वातावरण और भोजन पद्धति की वजह से लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी तरह एक रोग से ग्रसित है।
इनमें से कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनका इलाज सार्वजनिक रूप से कराया जा सकता है परंतु कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनका सार्वजनिक रुप से इलाज संभव नहीं हो पाता इन्हें गुप्त रोग कहते हैं।
मर्दानगी की समस्या भी इन्ही में से एक है,कई बार लोग इसके शिकार होते हैं पर लोकलाज के भय से इसे अपने अंदर दबा कर रखते हैं पर अब ऐसी जरूरत नहीं है आप स्वयं अपनी समस्या का निराकरण कर सकते हैं।
करें बादाम का सेवन, दूर होगा रोग…
आपको बता दें कि बादाम सारक और गर्म होता है और इसकी प्रकृति भारी तथा अम्लप्रद होती है, आयुर्वेद इस बात को प्रमाणित करता है कि बादाम कषैला होने के साथ साथ वात को नाश करता है और वीर्य को पैदा करता है,अर्थात जो भी व्यक्ति बादाम का प्रयोग करता है उसके शरीर मे वीर्य अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है और वह मर्दाना तौर पर बलिष्ठ रहता है।
किस बादाम का उपयोग कितना लाभप्रद…
आप जब बाजार पहुँचेंगे तो आपको तीन तरह का बादाम मिलेगा, कच्चा बादाम, पक्का बादाम और सूखा बादाम, इनमें से तीनों तरह के बादाम का उपयोग और लाभ अलग अलग हैं,अगर आपको वीर्य सम्बन्धी समस्या है तो आपको प्रथम वरीयता पक्के बादाम को और द्वितीय वरीयता सूखे बादाम को देनी चाहिये। क्योंकि यह दोनों ही तरह के बादाम शरीर मे वीर्य निर्माण में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त कच्चा बादाम कफ तथा वात की समस्या को दूर करता है।
कैसे बढायें धातु…
हम यह तो जान गये की बादाम वीर्य निर्माण में सहायक होता है परंतु ऐसा तभी हो सकता है जब हम इसका सेवन विधिवत करें तो आपको बता दें कि शरीर मे धातु वृद्धि हेतु आपको कुछ इस तरह से बादाम का प्रयोग करना होगा, सबसे पहले आप डेढ़ तोला गाय का घी लीजिये और उसमें जल्दी बना हुआ खोया मिला दीजिये तथा इसी पेस्ट में बादाम, शक्कर, शहद और इलायची मिलाकर प्रतिदिन सुबह शाम सेवन करें इससे शरीर मे निश्चित रूप से धातु वृद्धि होती है जिससे जनन क्षमता बढ़ती है।
और भी हैं कई लाभ…..
अब जबकि बात बादाम की चल रही है तो यह बात भी कर लेनी चाहिये कि बादाम के सिर्फ यही उपयोग नहीं हैं बल्कि इसके इतर भी बादाम कई समस्याओं का रामबाण इलाज है।
सबसे पहले तो यह खनखजूर के काटने पर उत्पन्न पीड़ा के निवारण में बहुत सहायक होता गया, दूसरा बादाम का छिलका दांतो और मसूड़ों के लिये बहुत उपयोगी होता है इसके अलावा इसका तेल मस्तिष्क रोगों और कान की सभी बीमारियों के लिये बेहतर इलाज होता है।
कैसे करें प्रयोग, ताकि दूर हो सकें रोग….
यह तो स्पष्ट है कि बादाम की उयोगिता बहुत है परंतु प्रश्न यह भी होना चाहिये कि बादाम का सही तरह से उपयोग कैसे हो कि यह हमारे विकारों को दूर कर सके।
आपको बता दें कि मस्तिष्क रोग और खनखजूर के काटने में बादाम का तेल बहुत लाभप्रद होता है ऐसी अवस्था मे जबकि मस्तिष्क से सम्बंधित कोई रोग हो हमे बादाम का तेल सर में मलना चाहिये और अगर खनखजूरा काट लेता है तो उस स्थान पर भी तेल का प्रयोग करना चाहिये।
इसके अतिरिक्त अगर आपको दांत सम्बन्धी समस्या है तो उसके लिए छिलके उपयोगी हैं आपको बादाम जे छिलके को जलाकर उसकी राख में नमक मिलाकर दांतो पर प्रतिदिन मलना चाहिये।
इस प्रकार अलग अलग तरह से प्रयोग पर बादाम आपको अलग अलग तरह से कई लाभ दे सकता है।
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