Sirmour News: माता बालासुंदरी चैत्र नवरात्र शुरू! 450 जवानों के हवाले सुरक्षा व्यवस्था
Sirmour News: उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध बालासुंदरी चैत्र नवरात्र मेला मंगलवार 9 अप्रैल को विधिवत शुरू हुआ। यह मेला 23 अप्रैल 2024 तक श्रद्धापूर्वक धूमधाम के साथ आयोजित किया जाएगा। मेले के प्रथम नवरात्र के शुभारम्भ अवसर पर डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने माता बालासुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की और हवन-यज्ञ में भाग लिया।
Sirmour News: माता बालासुंदरी चैत्र नवरात्र शुरू! 450 जवानों के हवाले सुरक्षा व्यवस्था
मेले में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा देने का प्रयास
डीसी सिरमौर सुमित ने बताया कि 9 अप्रैल से 23 अप्रैल तक आयोजित होने वाले माता बालासुंदरी चैत्र नवरात्र मेले के अवसर यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गर्मियों को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए समुचित मात्रा में पेयजल की व्यवस्था की गई है। मेला परिसर क्षेत्र में स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए भी उचित आवास सुविधा मुहैया करवाई गई है।
सुमित खिमटा ने कहा कि माता बालासुंदरी मंदिर उत्तर भारत का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, यहाँ पर प्रत्येक वर्ष नवरात्रों में लाखों संख्या में श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और मेला समिति का प्रयास है कि सभी श्रद्धालुओं को उचित सुविधा मिले जिसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
450 जवानों के हवाले मेले की सुरक्षा व्यवस्था
डीसी सुमित खिमटा ने बताया कि मेले के अवसर पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से करीब 450 जवान तैनात किए गए हैं जिनमें पुलिस और होमगार्ड के जवान शामिल हैं।
भंडारों में प्रसाद ग्रहण कर रहे श्रद्धालु
माता बालासुंदरी मेले के अवसर पर मेला परिसर में लग रहे प्रमुख भंडारों के अलावा श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह छोटे-छोटे भंडारे, प्रसाद वितरण व पेयजल आदि की व्यवस्था भी की गई। मेले में आ रहे श्रद्धालु इन भण्डारों में प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।
संपूर्ण त्रिलोकपुर क्षेत्र हुआ भक्तिमय
मां दुर्गा नवरात्र के प्रथम दिवस पर संपूर्ण त्रिलोकपुर क्षेत्र माता बालासुंदरी की श्रद्धा में भक्तिमय दिखाई पड़ा। हाथों में मां दुर्गा का ध्वज लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु बिना थके, बिना रूके, मां बालासुंदरी का जयकारा लगाते भक्तिभाव से मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे।