पांवटा साहिब की सड़कों पर रात में दौड़ते मौत के वाहन, जाम में फंसी एम्बुलेंसें
पांवटा साहिब की सड़कों पर देर रात खनन कार्य में लगे टिप्पर लोगों की जान के लिए खतरा बन चुके हैं। प्रशासनिक लापरवाही और ट्रैफिक व्यवस्था की अनदेखी से हालात बद से बदतर हो गए हैं।
रात 9 बजे के बाद पांवटा साहिब की सड़कें टिप्परों से भर जाती हैं। बहराल से लेकर बद्रीपुर चौक तक जाम इतना बढ़ जाता है कि एम्बुलेंस भी इसमें फंस जाती हैं।
पिछले दो दिनों में दो अलग-अलग एम्बुलेंस कई घंटों तक जाम में फंसी रहीं। एक एम्बुलेंस देहरादून जा रही थी जबकि दूसरी देवी नगर में जाम में अटक गई। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं।
स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ट्रैफिक पुलिस केवल चालान काटने में व्यस्त है। खनन सामग्री ले जा रहे टिप्परों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
खनन विभाग ने दो टिप्परों को पकड़ कर एम फार्म की जांच की थी। उचित दस्तावेज न होने पर जुर्माना लगाया गया। लेकिन यह सिर्फ एक दिन की कार्रवाई थी, उसके बाद कोई सख्ती नहीं दिखाई दी।
यदि प्रशासन गंभीर हो तो नियम तोड़ने वाले टिप्परों से रोज़ाना लाखों रुपये का जुर्माना वसूला जा सकता है। फिर भी प्रशासन और खनन विभाग खामोश हैं।
कुछ दिन पहले एसडीएम कार्यालय में मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई थी। लेकिन बैठक के दो हफ्ते बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
फिलहाल पांवटा की जनता रात होते ही घरों में कैद हो जाती है, क्योंकि बाहर निकलना जान जोखिम में डालने जैसा है।