Himachal Pradesh : एक्सपायरी चॉकलेट बेचने पर मैगामार्ट को उपभोक्ता आयोग ने सुनाया सख्त फैसला
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला मे एक्सपायरी चॉकलेट बेचने के मामले में धर्मशाला उपभोक्ता आयोग ने मैगामार्ट पर सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने उपभोक्ता को आर्थिक मुआवजा देने और सार्वजनिक माफी विज्ञापन जारी करने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता ने बताया कि 19 मई 2024 को उसने एक मैगामार्ट से 54 रुपये में चॉकलेट खरीदी थी। बाद में पता चला कि उनकी एक्सपायरी डेट 4 दिसंबर 2023 थी। उसने यह चॉकलेट खुद खाई और तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को देने से रोक दिया।
उपभोक्ता ने इसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना बताया। मामले की सुनवाई जिला उपभोक्ता आयोग धर्मशाला के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा और सदस्यों की बेंच ने की।
आयोग ने मैगामार्ट को 9% ब्याज सहित 54 रुपये लौटाने, 10 हजार रुपये मानसिक क्षति के लिए और 10 हजार रुपये मुकदमा खर्च के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया। साथ ही उपभोक्ता विधिक सहायता कोष में भी 10 हजार रुपये जमा करने होंगे।
इसके अलावा, मैगामार्ट को एक हिंदी और एक अंग्रेजी अखबार में सार्वजनिक विज्ञापन देना होगा। इसमें यह स्पष्ट करना होगा कि भविष्य में एक्सपायरी उत्पाद बिक्री के लिए स्टॉक में नहीं रखे जाएंगे। यह विज्ञापन 31 अगस्त 2025 तक जारी करना अनिवार्य होगा।
आयोग ने माना कि मैगामार्ट उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 का उल्लंघन कर चुका है। पहले भी इसी स्टोर पर ऐसी लापरवाही सामने आ चुकी है।
हालांकि, चॉकलेट निर्माता कंपनी या सप्लायर पर दोष सिद्ध नहीं हुआ। इसलिए उन्हें मामले से बरी कर दिया गया है।
यह फैसला उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।