HP News: हिमाचल में यहां स्थित है अजियापाल देवता का प्राचीन मंदिर! अच्छी फसल के साथ-साथ जान माल की भी करते हैं सुरक्षा
HP News: अजिया पाल देवता की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं। अगर बात करें तो अजियापाल देवता से जुड़े बहुत से मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी व कांगड़ा जिलों के पधर, जोगिन्दर नगर, लडभड़ोल, चौहारघाटी, छोटा व बड़ा भंगाल इत्यादि क्षेत्रों में स्थापित हैं। स्थानीय लोग अपने-अपने तरीकों व आस्था के चलते अजिया पाल देवता की पूजा अर्चना करते हैं।
HP News: हिमाचल में यहां स्थित है अजियापाल देवता का प्राचीन मंदिर! अच्छी फसल के साथ-साथ जान माल की भी करते हैं सुरक्षा
कहते हैं कि जोगिन्दर नगर उपमंडल की ग्राम पंचायत सिमस में भी अजियापाल देवता से जुड़ा एक ऐसा मंदिर है जिसका इतिहास काफी प्राचीन है। गांव सिमस की सबसे ऊंची पहाड़ी जिसे ‘अजियापाल’ के नाम से भी जाना जाता है, यहां पर अजियापाल देवता जी का पवित्र स्थान मौजूद है। गांव के बड़े बुजुर्गों का कहना है कि अजियापाल देवता की ग्रामीण पुरातन समय से ही पूजा अर्चना करते रहे हैं।
वर्तमान स्थान पर उनका एक प्राचीन मंदिर हुआ करता था, लेकिन वक्त के साथ यह ध्वस्त हो गया था। यहां मात्र कुछ मूर्तियां ही शेष रह गई थीं। लेकिन अब ग्रामीणों ने सामूहिक श्रमदान कर इस मंदिर का पुनरुद्धार का कार्य किया है। स्थानीय बुजुर्ग कहते हैं कि आज से लगभग 25-30 वर्ष पूर्व तक गांव में सौंझी जातर यानि की सभी ग्रामीण मिलकर मई व जून माह में सामूहिक जातर का आयोजन किया करते थे।
इस दौरान स्थानीय ग्रामीण पूरे गाजे बाजे के साथ संतान दात्री मां शारदा (सिमसा) के अलावा अजिया पाल देवता की पूजा अर्चना करते थे। कहते हैं कि अजिया पाल गांव के रक्षक हैं तथा किसानों की अच्छी फसल के साथ-साथ जान माल की भी सुरक्षा करते हैं। यह प्रथा प्राचीन समय से ही जारी रही है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सौंझी जातर जैसे सामुदायिक कार्यक्रम न होने के चलते यह मंदिर उपेक्षा का शिकार हो गया था।
इस बीच कुछ स्थानीय ग्रामीणों के प्रयासों के चलते इसका जीर्णोद्धार कर यहां एक नया मंदिर स्थापित किया है। इस स्थान पर न तो पानी, न ही बिजली की आपूर्ति उपलब्ध है। ऐसे में ग्रामीण सामूहिक श्रमदान व सहयोग के माध्यम से ही मंदिर निर्माण की दिशा में आगे बढ़े हैं। यह स्थान काफी ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से आसपास का विहंगम नजारा देखते ही बनता है।
अजिया पाल के इस पवित्र स्थान से एक तरफ जहां हमीरपुर, सुजानपुर, जयसिंहपुर, चढिय़ार, मां आशापुरी, संधोल, धर्मपुर, सरकाघाट इत्यादि क्षेत्रों को देखा जा सकता है तो वहीं दूसरी ओर बर्फ से ढक़ी धौलाधार पर्वत श्रृंखला का नजारा बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा बैजनाथ, संपूर्ण लडभड़ोल क्षेत्र, भभौरी धार, मां चतुर्भुजा का भी खूबसूरत नजारा यहां से देखा जा सकता है।
इस स्थान से सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के बाद जो धौलाधार पर्वत श्रृंखला का बेहद खूबसूरत नजारा बनता है मानों ऐसा लगता है कि प्रकृति ने अपनी पूरी छटा बिखेर कर रख दी हो। साथ ही ब्यास नदी व विनवा नदी के पवित्र संगम त्रिवेणी महादेव के भी दर्शन यहां से किये जा सकते हैं।
इसके अलावा पूरे सिमस गांव का खूबसूरत दृश्य देखते ही बनता है। इस स्थान पर सिमस बस स्टैंड से महज 25 से 30 मिनट की खड़ी चढ़ाई चढक़र पैदल ही पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में ग्राम पंचायत सिमस द्वारा मनरेगा के माध्यम से रास्ते का सुधार कार्य भी किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को आने जाने में असुविधा न हो।
Our passionate journalist at Newsghat, dedicated to delivering accurate and timely news from Paonta Sahib, Sirmaur, and rural areas. With a focus on community-driven stories, we ensures that every report reaches you with clarity and truth. At Newsghat, it’s all about “आपकी बात”!