in

हिमाचल में ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी शुरू….

आईजीएमसी में बनी चार डॉक्टरों की कमेटी…

प्रदेश में अभी तक सामने नहीं आया ब्लैक फंगस का मामला

न्यूज़ घाट/शिमला

प्रदेश सरकार जहां एक ओर अनियंत्रित कोरोना संक्रमण को लेकर चिंतित है वहीं दूसरी ओर देश में सामने आ रहे ब्लैक फंगस के मामलों ने जयराम सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है।

Holi-1
Holi-1

हिमाचल प्रदेश में हालांकि अभी तक इस बीमारी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन राजस्थान ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। इससे पहले हरियाणा ने भी इसे महामारी घोषित कर चुका है। उत्तराखंड में भी लगातार मामले सामने आ रहे हैं।

हालांकि अभी तक हिमाचल प्रदेश में ब्लैक फंगस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन एहतियात के तौर पर प्रशासन ने पहले ही तैयारी करनी शुरू कर दी है।

ऐसे में आईजीएमसी प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। इसके लिए चार डॉक्टरों की कमेटी भी इसके लिए बना दी गई है।

Holi-2
Holi-2

जॉब अलर्ट : हिमाचल में भरे जाएंगे  प्रशासनिक, पुलिस सेवा सहित कई पद…

जल्दी करें, अब SBI में क्लेरिकल के 5253 पदों के लिए 20 तक करें आवेदन…

आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी प्रशासन ने ब्लैक फंगस को ध्यान में रखते हुए 4 डॉक्टर, जिसमें आंख ,ईएनटी, डेंटल और माइक्रोलॉजी विभाग के विशेषक्ष शामिल ही, की कमेटी बनाई है ताकि इस तरह के मरीजों का समय पर ईलाज किया जा सके।

डॉ जनक राज ने बताया कि अस्पताल में वेंटिलेटर की कोई कमी नहीं है। आईजीएमसी में अब वेंटिलेटर की संख्या 120 हो गई है। फिलहाल 32 मरीजों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है।

पांवटा साहिब : बुधवार को तीन  कोरोना संकर्मितों ने दम तोड़ा…

नाबालिग के अपहरण के मामले में एक गिरफ्तार, 24 घंटे में मिली सफलता…

देवर ने कांच की बोतल सिर में मार कर भाभी को किया लहुलूहान…

5-10 वेंटिलेटर को हमेशा रिजर्व में रखा गया है ताकि आपातकाल की स्थिति में मरीज के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके।सरकार लागातार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का काम कर रही है ताकि मरीजों की जान को बचाया जा सके।

क्या है ब्लैक फंगस और क्यों होता है ?

कोरोना पीड़ितों को कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए स्टेरॉयड दिया जाता है। इससे इंसान की इम्यूनिटी कम हो जाती है।

इससे मरीज का ब्लड शुगर का लेवल भी अचानक बढ़ने लग जाता है। इसका साइड इफेक्ट म्यूकोरमाइकोसिस के रूप में झेलना पड़ रहा है। प्रारम्भिक तौर पर इस बीमारी में नाक खुश्क होती है।

पांवटा साहिब की 78 में से 69 पंचायतों में फैला कोरोना संक्रमण….

13 साल की नाबालिग को बहला फुसला कर ले गया युवक !

नाक की परत अंदर से सूखने लगती है व सुन्न हो जाती है। चेहरे व तलवे की त्वचा सुन्न हो जाती है। चेहरे पर सूजन आती है। दांत ढीले पड़ते हैं।

इस बीमारी में आंख की नसों के पास में फंगस जमा हो जाता है, जो सेंट्रल रेटाइनल आर्टरी का ब्लड फ्लो बंद कर देता है।

बाजार से अचानक कहां गायब हुई ब्लैक फंगस की दवाएं…

ब्लैक फंगस क्या है..? ब्लैक फंगस के लक्षण व उपचार क्या हैं ?

इससे अधिकांश मरीजों में आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है। इसके अलावा कई मरीजों में फंगस नीचे की ओर फैलता है तो जबड़े आदि को खराब कर देता है।

पास पड़ोस : अब हाई रिस्क वाले संक्रमितों के लिए ब्लैक फंगस की जांच अनिवार्य…

पास पड़ोस : ब्लैक फंगस से पहली मौत, रिकॉर्ड 17 केस मिले….

Written by newsghat

कोरोना नियमों की अवहेलना पर सिरमौर पुलिस ने कसा शिकंजा

अब 18 से 44 के लोग टीके के लिए फिक्स समय पर ही कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन….