दुर्गति को मिटाने आ रही है दुर्गा | क्यों मनाया जाता है दुर्गा पूजा पर्व
जगराते में गूजेंगे भजन, पढ़ें क्यों मनाया जाता है दुर्गा पूजा पर्व
त्योहारों के देश भारत में एक बार फिर ऐसा अवसर आ रहा है, जब लगभग पूरा भारत खुशियों से झूमेगा, नाचेगा और गायेगा।
भजन कीर्तन और आरतियों से खिल उठेगी सांध्य और प्रातः बेला,घंटी शंख और नगाड़े अपने कंपन से हृदय को मोहते नजर आएंगे।
एक लंबे समय बाद भारत महामारी से लगभग निजात पाकर शारदीय नवरात्र का त्यौहार मनाने जा रहा है। आपको पता होगा कि नवरात्र में 9 दिन देवी दुर्गा की अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है।
क्यों मनाया जाता है दुर्गा पूजा पर्व
भारतीय संस्कृति का हिस्सा बने प्रत्येक त्योहारों के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिकता सन्निहित रहती है। और इसी तरह दुर्गा पूजा मनाने का भी अपना एक ठोस कारण और उद्देश्य है।
धर्म शास्त्रों के मुताबिक दुर्गा पूजा का पर्व हिंदू देवी दुर्गा के बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विषय के रूप में मनाया जाता है। इस विजय के कारण ही देवी दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी कहकर भी पुकारा जाता है।
भारत में दुर्गा पूजा मुख्यता असम बिहार झारखंड मणिपुर उड़ीसा त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में तथा दिल्ली उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र गुजरात पंजाब कश्मीर तथा कर्नाटक और केरल में मनाई जाती है।
जगराते में गूजेंगे भजन…..
दुर्गा पूजा एक ऐसा त्यौहार है, जो मनमोहक गीत संगीत को अपने अंदर समाहित की है। इसकी शुरुआत भोर की आरती से होकर शानदार थी और फिर जगराते में परिणित होती है।
इस उत्सव में लोग रात रात भर जाग कर जागरण आदि का आयोजन करते हैं। जागरण में मुख्यतः संगीत के आयोजन नाट्य प्रस्तुतियां तथा कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रम किए जाते हैं।
बताते हैं कि 9 अलग-अलग दिनों में देवी दुर्गा की नौ अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है।